धर्म। समाज और गुरु ........
आज हम लोगो को कहते हुए सुनते है की आज हमारे पास जो भी है वोह हमारे गुरु जी की वजह से है, अगर गुरु जी ने रास्ता न दिखया होता तोह शायद हम कुछ और होते .........
आज यदि हम समाज की और एक नज़र घुमा के देखे तो पाएंगे की आज समाज में कई धर्म संसथान बन गए है ! कोई अम्मा है तोह कोई बापू और कोई परम पिता ............. ये सब लोग अपने आप को धर्म का के रहनुमा मानते है ये लोगो को जोड़ते नही तोड़ते है, किसी ने दल बना डाला तो किसी ने सेना .............
अपने अपने हितों के लिए लोगो के भविष्य से मजाक करना इनकी आदत सी हो गई है ...........
एक समय था जब सर्व धरम की बात की जाती थी ........... आज सिर्फ़ अपने पंथ अपने धर्म की बात की जाती है......... लोगो को समझाया जाता है की यहाँ रहे तोह ठीक नही तो भगवन तुम से मुह मोड़ लेगा......... क्या बात है भगवन के साथ भी कोन्त्रक्ट साइन कर के आए है हमारे समाज के ठेकेदार .......................
जिस देश को सोने की चिडिया कहा जाता है आज एस्सा क्या हुआ वोह आतंक , डर, और चोरो की नगरी बन गई है ................. कुछ चोर काले कपड़ो मई तोह कुछ सफ़ेद में बाकि बचे हुए खाकी वर्दी मई............. आल क्रेडिट गोएस तो आज के राज नेताओ को ! ...............
धर्म के नाम पे आज आतंक की इबारते लिखी जा रही है .......... मुग़ल बादशाह अकबर ने अपनेमहल मई भगवन श्री किशन का मन्दिर बनवाया था .......... क्या वो मुस्लमान नही थे...............
आज बापू कहते है हरी का नाम जपो ............. पिता जी कहते है सतमान जपो ......... क्या गुरु नानक मदीना नही गए थे ...........
समाज के ठेकेदारों से अप्पील है की देश को बताना छोड़ दे............... जिस दिन युवा जाग उठा उस दिन इन की खे़र नही......... और अब हम युवाओ को जिम्मेदारी उठानी है इससे समाज की अनुयायियों को मुहतोड़ जवाब देने की.................... मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्र्वारा सब एक है .......... देश एक है ......... हम हिन्दुस्तानी एक है .........
जय हो !!!!
आज हम लोगो को कहते हुए सुनते है की आज हमारे पास जो भी है वोह हमारे गुरु जी की वजह से है, अगर गुरु जी ने रास्ता न दिखया होता तोह शायद हम कुछ और होते .........
आज यदि हम समाज की और एक नज़र घुमा के देखे तो पाएंगे की आज समाज में कई धर्म संसथान बन गए है ! कोई अम्मा है तोह कोई बापू और कोई परम पिता ............. ये सब लोग अपने आप को धर्म का के रहनुमा मानते है ये लोगो को जोड़ते नही तोड़ते है, किसी ने दल बना डाला तो किसी ने सेना .............
अपने अपने हितों के लिए लोगो के भविष्य से मजाक करना इनकी आदत सी हो गई है ...........
एक समय था जब सर्व धरम की बात की जाती थी ........... आज सिर्फ़ अपने पंथ अपने धर्म की बात की जाती है......... लोगो को समझाया जाता है की यहाँ रहे तोह ठीक नही तो भगवन तुम से मुह मोड़ लेगा......... क्या बात है भगवन के साथ भी कोन्त्रक्ट साइन कर के आए है हमारे समाज के ठेकेदार .......................
जिस देश को सोने की चिडिया कहा जाता है आज एस्सा क्या हुआ वोह आतंक , डर, और चोरो की नगरी बन गई है ................. कुछ चोर काले कपड़ो मई तोह कुछ सफ़ेद में बाकि बचे हुए खाकी वर्दी मई............. आल क्रेडिट गोएस तो आज के राज नेताओ को ! ...............
धर्म के नाम पे आज आतंक की इबारते लिखी जा रही है .......... मुग़ल बादशाह अकबर ने अपनेमहल मई भगवन श्री किशन का मन्दिर बनवाया था .......... क्या वो मुस्लमान नही थे...............
आज बापू कहते है हरी का नाम जपो ............. पिता जी कहते है सतमान जपो ......... क्या गुरु नानक मदीना नही गए थे ...........
समाज के ठेकेदारों से अप्पील है की देश को बताना छोड़ दे............... जिस दिन युवा जाग उठा उस दिन इन की खे़र नही......... और अब हम युवाओ को जिम्मेदारी उठानी है इससे समाज की अनुयायियों को मुहतोड़ जवाब देने की.................... मन्दिर, मस्जिद, गुरुद्र्वारा सब एक है .......... देश एक है ......... हम हिन्दुस्तानी एक है .........
जय हो !!!!