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Monday, August 26, 2013

गिरता रुपया ………… या गिरती सरकार !!!

गिरता रुपया  ………… या गिरती सरकार !!!

आज आजाद देश और लोकतान्त्रिक सरकार फिर भी आम आदमी पे मंहगाई और बेरोज़गारी की मार !!!

आखिर सोचने को मजबूर होना  क्यों ???

1947  देश आज़ाद हुआ तब 1  डॉलर की कीमत  रुपया थी आज वोह 70  के पास   गयी ?? यही डॉलर 2008 मई 38 रूपये पे नाच  5 सालो मे लगभग डबल  केसे  ??

यह पोस्ट  जो की किसी पोलिटिकल पार्टी या सदस्य से संबंधित नहीं है, यहाँ मै  आप लोगो से अपने विचार शेयर करने जा रहा हु… 

इस बार रुपया जोकि 42 - 45  रूपये प्रति डॉलर खेल  रहा था  आचनक सोनिया गाँधी की तबियत ख़राब और विदेश मे उनके इलाज़ की दोरान बढना शुरु गया जोकि अबतक लगभग 70 के पास है, ??? वही 2008 जब कांग्रेस वापस सत्ता  मे आई थी तब ये 38 था , ऐसा प्रतीत होता है जेसे जब या यानि की इंडिया से ब्लैक मनी स्विस बैंक भेजनी थी तब 2007 मे 45 रूपये चल  रहे डॉलर को 2008 मे 38 करके यहाँ से 38000 यानि एक हज़ार डॉलर भेजा गया और अब जब बाबा रामदेव, अन्ना हजारे और केजरीवाल ने ब्लैक  मनी के खिलाफ मुहीम चलाई और स्विस बैंक मे  पड़ा  काला धन स्वदेश लाने की बात की ठीक उस्सी समय सोनिया गाँधी की तबियत ख़राब और विदेश मे उनके इलाज़ की दोरान डॉलर का रेट बढना  शुरु ऐसा लगा मैडम इलाज़ करवाने नहीं स्विस अकाउंट को मैनेज करने गयी थी, ये ऐसा मालूम होता है के जब तक तुम स्विस अकाउंट होल्डर्स के नामो की लिस्ट जारी करोगे तब तक 38 रूपये के भाव से भेजा  हुआ रुपया हम 70 करके वापस ले आयेंगे और फिर सब स्विस बैंक  अकाउंट होल्डर्स की लिस्ट से जो बन पड़े वह उखाड़ लेना !! यानि के हमने अपने 38000 के 70000 कर  लिए और वोह  भी ब्लैक से वाइट ???? and top of that no income tax paid as this money comes to india as FDI, ECB, FCCB, and many more type ... ??


अगर आज हमे देश को बचाना है  गिरते रूपये को इस गिरी  हुई सरकार  से बचाना होगा।

उसके लिए हम कुछ पहल अपनी तरफ से भी कर सकते है   ……. जेसे की हम कोई भी इंटरनेशनल डील या transaction करे तोह बजाये की डॉलर के करने के हम हमारे buyer या सेलर को पेमेंट्स भारतीय रूपये (INR ) मे  करने को कहे जेसा  की हर देश करता है आप चाइना से कुछ इम्पोर्ट करे वोह आपसे चीनी मुद्रा की मांग करेगा , जापान जापानी मुद्रा की UK पोंड्स की तोह हम indians अपनी भारतीय मुद्रा की डिमांड को नहीं करते!

कुछ चीजों को सरकार को इंटरनेशनल मार्किट के तराजू मे  ना तोल कर भारतीय बाजारों के आधार और भारतीय
मुद्रा को आधार बना कर विक्रय परिक्रिया बनानी चाइये जेसे की पेट्रोल, कच्चा तेल , सोना आदि। …. इससे हर दिन होने वाले डॉलर के उपर निचे के रेट से हमारे सेल्लिंग सिस्टम पे या बिक्री रेट पे कोई फरक नहीं होगा,  आज पूरे  एशिया मे डॉलर केवल INR को ही निशाना को बना रहा है चाइना, पाकिस्तान, UAE जेसे हमारे पडोसी देशो की मुद्रा तोह वही की वही सथिर है !!!

क्यों ????

इस क्यों को आप के पास छोड़े जा रहा हु सोचने के लिए ????


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